दो अलग-अलग फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट्स (fixed income investments) के बीच चयन करना - एक सालाना 5% का फिक्स्ड रिटर्न देने का वादा करता है, जबकि दूसरा 7% का उच्च रिटर्न ऑफर करता है, लेकिन निवेश की अवधि थोड़ी लंबी है। आप कैसे तय करते हैं कि कौन सा निवेश अधिक आकर्षक है? यही वह जगह है जहाँ यील्ड (yield) और यील्ड कर्व एनालिसिस (yield curve analysis) काम में आते हैं। ये निवेशकों को अलग-अलग फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज (fixed income securities) पर रिटर्न की तुलना करने में मदद करते हैं और यह आकलन करने में सहायता करते हैं कि ब्याज दरें विभिन्न मैच्योरिटीज (maturities) पर बॉन्ड की कीमतों को कैसे प्रभावित करती हैं।
यील्ड (yield) उस रिटर्न को संदर्भित करता है जिसे एक निवेशक बॉन्ड या फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी (fixed income security) से अर्जित करने की उम्मीद कर सकता है। यील्ड के कई प्रकार होते हैं, प्रत्येक रिटर्न की गणना का एक अलग तरीका प्रदान करता है:
करंट यील्ड (current yield) वार्षिक कूपन भुगतान को बॉन्ड की मौजूदा मार्केट प्राइस (current market price) से विभाजित करने से प्राप्त होती है। यह बॉन्ड की कीमत के सापेक्ष उत्पन्न आय की एक झलक देता है।
फॉर्मूला (Formula):
करंट यील्ड (Current Yield) = कूपन भुगतान (Coupon Payment) / मौजूदा मार्केट प्राइस (Current Market Price)
उदाहरण:
यदि ₹1,000 का बॉन्ड ₹60 वार्षिक भुगतान करता है और वर्तमान में ₹1,200 मूल्य का है, तो करंट यील्ड होगी:
करंट यील्ड (Current Yield) = ₹60 / ₹1,200
करंट यील्ड (Current Yield) = 5%
वाईटीएम (YTM) वह कुल रिटर्न होता है जो उम्मीद की जाती है यदि बॉन्ड को मैच्योरिटी (maturity) तक रखा जाए, यह मानते हुए कि सभी कूपन भुगतान उसी दर पर पुनः निवेश किए जाते हैं। वाईटीएम (YTM) कूपन भुगतान के साथ-साथ किसी भी पूंजीगत लाभ या हानि को ध्यान में रखता है जब बॉन्ड को इसके फेस वैल्यू (face value) से अलग कीमत पर खरीदा जाता है।
उदाहरण:
यदि आप ₹950 में 6% कूपन रेट (coupon rate) के साथ ₹1,000 का बॉन्ड खरीदते हैं, तो वाईटीएम (YTM) 6% से अधिक होगा क्योंकि आपने बॉन्ड को डिस्काउंट पर खरीदा है।
कुछ बॉन्ड कलेबल (callable) होते हैं, अर्थात् जारीकर्ता उन्हें मैच्योरिटी (maturity) से पहले रिडीम (redeem) कर सकता है। वाईटीसी (YTC) वह यील्ड है जिसे माना जाता है कि बॉन्ड को जल्दी कॉल किया जाता है, आमतौर पर जब ब्याज दरें गिरती हैं और जारीकर्ता कम लागत पर रिफाइनेंस करना चाहता है।
फॉर्मूला (Formula):
वाईटीसी (YTC) का फॉर्मूला वाईटीएम (YTM) के समान होता है, लेकिन यह मैच्योरिटी डेट (maturity date) और फेस वैल्यू (face value) की बजाय कॉल डेट (call date) और प्राइस (price) का उपयोग करता है।
वाईटीडब्ल्यू (YTW) वह न्यूनतम यील्ड है जो निवेशक को प्राप्त हो सकती है यदि बॉन्ड को जल्दी कॉल किया जाता है या मैच्योर होता है। यह बॉन्डधारक के लिए सबसे खराब स्थिति का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण मेट्रिक है।
उदाहरण:
एक कलेबल बॉन्ड (callable bond) के लिए, यदि जारीकर्ता बॉन्ड को जल्दी कॉल करता है एक प्राइस पर जो उसके फेस वैल्यू (face value) से नीचे है, वाईटीडब्ल्यू (YTW) उस स्थिति से उत्पन्न यील्ड का आकलन करने में मदद करेगा।
यील्ड कर्व (yield curve) बॉन्ड यील्ड्स (bond yields) और उनकी मैच्योरिटीज (maturities) के बीच संबंध का ग्राफिकल प्रतिनिधित्व है। आमतौर पर, यह बराबर क्रेडिट क्वालिटी (credit quality) वाले बॉन्ड्स की यील्ड्स (yields) को प्लॉट करता है, लेकिन विभिन्न मैच्योरिटीज (maturities) के साथ। यह निवेशकों को समझने में मदद करता है कि ब्याज दरें समय के साथ कैसे बदलने की उम्मीद है और भविष्य की आर्थिक स्थितियों पर बाजार का दृष्टिकोण क्या है।
सामान्य परिस्थितियों के तहत, यील्ड कर्व ऊपर की ओर झुकी होती है, अर्थात् लंबे समय के बॉन्ड्स की यील्ड्स (yields) छोटी अवधि के बॉन्ड्स की तुलना में अधिक होती है। इसका कारण यह है कि निवेशक लंबे समय के बॉन्ड्स के अतिरिक्त जोखिम के लिए उच्च यील्ड की मांग करते हैं, जो ब्याज दरों में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
उदाहरण:
एक 2-वर्षीय बॉन्ड 4% यील्ड ऑफर कर सकता है, जबकि एक 10-वर्षीय बॉन्ड 6% यील्ड ऑफर करता है।
कुछ आर्थिक परिस्थितियों में, छोटी अवधि की ब्याज दरें लंबी अवधि की दरों से अधिक हो सकती हैं, जिससे यील्ड कर्व नीचे की ओर झुक जाती है। इसे अक्सर एक आसन्न मंदी का चेतावनी संकेत माना जाता है, क्योंकि निवेशक उम्मीद करते हैं कि भविष्य में ब्याज दरें गिरेंगी।
उदाहरण:
एक 2-वर्षीय बॉन्ड 5% यील्ड ऑफर कर सकता है, जबकि एक 10-वर्षीय बॉन्ड केवल 4% यील्ड ऑफर करता है।
जब यील्ड कर्व फ्लैट होती है, तो छोटी और लंबी अवधि की ब्याज दरें समान होती हैं। यह आमतौर पर तब होता है जब बाजार भविष्य की आर्थिक स्थितियों के बारे में अनिश्चित होता है, या जब ब्याज दरें परिवर्तन में होती हैं।
उदाहरण:
एक 2-वर्षीय बॉन्ड और एक 10-वर्षीय बॉन्ड दोनों 5% यील्ड ऑफर कर सकते हैं, जो बाजार में अनिश्चितता को दर्शाता है।
ब्याज दर की भविष्यवाणियाँ (Interest Rate Predictions): यील्ड कर्व का आकार निवेशकों को भविष्य के ब्याज दर आंदोलनों की भविष्यवाणी करने में मदद करता है। एक खड़ी, ऊपर की ओर झुकी कर्व यह सुझाव देती है कि भविष्य में दरें बढ़ेंगी, जबकि एक उलटी कर्व संभावित दर कटौती या मंदी का संकेत देती है।
आर्थिक दृष्टिकोण (Economic Outlook): यील्ड कर्व को अक्सर प्रमुख आर्थिक संकेतक माना जाता है। उदाहरण के लिए, एक उलटी कर्व ने ऐतिहासिक रूप से मंदी से पहले किया है, क्योंकि यह भविष्य की आर्थिक कमजोरी के बारे में निवेशक भावना को दर्शाता है।
बॉन्ड निवेश रणनीति (Bond Investment Strategy): यील्ड कर्व का विश्लेषण करके, निवेशक यह तय कर सकते हैं कि उनकी मैच्योरिटी (maturity) और ब्याज दर दृष्टिकोण के आधार पर कौन से बॉन्ड खरीदने हैं। उदाहरण के लिए, एक बढ़ती दर वातावरण में, छोटी अवधि के बॉन्ड अधिक आकर्षक हो सकते हैं।
भारत में, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (G-Secs) यील्ड कर्व एक व्यापक रूप से अनुसरण किया जाने वाला बेंचमार्क है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी मौद्रिक नीति निर्णयों, विशेष रूप से रेपो रेट (repo rate) के माध्यम से यील्ड कर्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में यील्ड कर्व का आकार अक्सर मुद्रास्फीति, विकास, और ब्याज दर की अपेक्षाओं पर निवेशक भावना को दर्शाता है।
फिक्स्ड इनकम मार्केट (fixed income market) को नेविगेट करने के लिए यील्ड (yield) और यील्ड कर्व एनालिसिस (yield curve analysis) को समझना महत्वपूर्ण है। यील्ड कर्व भविष्य की आर्थिक स्थितियों में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जबकि यील्ड की गणना निवेशकों को यह आकलन करने में मदद करती है कि वे बॉन्ड्स से कितना रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। अगले अध्याय में, हम ड्यूरेशन (Duration) और कंवेक्सिटी (Convexity) की खोज करेंगे, दो प्रमुख अवधारणाएँ जो ब्याज दर परिवर्तनों के लिए बॉन्ड की मूल्य संवेदनशीलता को मापने में मदद करती हैं।
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Disclaimer: This article is for informational purposes only and does not constitute financial advice. It is not produced by the desk of the Kotak Securities Research Team, nor is it a report published by the Kotak Securities Research Team. The information presented is compiled from several secondary sources available on the internet and may change over time. Investors should conduct their own research and consult with financial professionals before making any investment decisions. Read the full disclaimer here.
Investments in securities market are subject to market risks, read all the related documents carefully before investing. Brokerage will not exceed SEBI prescribed limit. The securities are quoted as an example and not as a recommendation. SEBI Registration No-INZ000200137 Member Id NSE-08081; BSE-673; MSE-1024, MCX-56285, NCDEX-1262.
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