कल्पना कीजिए कि आप उत्तर प्रदेश में एक किसान हैं, जो अपनी अगली फसल चक्र के लिए लोन खोज रहे हैं। आप एक स्थानीय बैंक के पास जाते हैं, जो आपको एक फिक्स्ड-रेट लोन (fixed-rate loan) ऑफर करता है। इसका मतलब है कि आप लोन की अवधि के दौरान एक ही ब्याज दर का भुगतान करने के लिए सहमत होते हैं, चाहे व्यापक बाजार में ब्याज दरों में क्या बदलाव हो। यह पूर्वानुमान क्षमता फिक्स्ड इनकम मार्केट (fixed income market) की मुख्य विशेषताओं में से एक है — जहां निवेशक नियमित ब्याज भुगतान और परिपक्वता पर मूल राशि की वापसी के बदले पैसे उधार देते हैं।
फिक्स्ड इनकम मार्केट (fixed income market) उस बाजार को संदर्भित करता है जहां निवेशक ऋण सिक्योरिटीज खरीदते और बेचते हैं। ये सिक्योरिटीज मूल रूप से ऋण होते हैं जो सरकारें, नगरपालिकाएं और कॉर्पोरेशन पूंजी जुटाने के लिए जारी करते हैं। जारीकर्ता निश्चित मात्रा में ब्याज का भुगतान करने और बांड की परिपक्वता पर फेस वैल्यू को चुकाने का वादा करता है। यह बाजार कंपनियों और सरकारों के लिए बड़े पैमाने पर संचालन या बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए आवश्यक है।
जारीकर्ता (Issuers): ये वे संस्थाएं हैं जो पूंजी जुटाने के लिए बांड जारी करती हैं।
a. सरकारें (Governments) (उदाहरण: सॉवरेन बांड्स)
b. कॉर्पोरेशन (Corporations) (उदाहरण: कॉर्पोरेट बांड्स)
c. नगरपालिकाएं (Municipalities) (उदाहरण: म्यूनिसिपल बांड्स)
निवेशक (Investors): ये फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज के खरीदार होते हैं। इस बाजार में निवेशक व्यक्तिगत, संस्थागत निवेशक जैसे म्यूचुअल फंड्स या पेंशन फंड्स, या बैंक्स हो सकते हैं जो अपनी पोर्टफोलियो में बांड्स रखते हैं।
मध्यस्थ (Intermediaries): इन्वेस्टमेंट बैंक और ब्रोकर्स फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री को सुगम बनाते हैं, जारीकर्ताओं और निवेशकों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करते हैं।
पूर्वानुमान योग्य आय (Predictable Income): फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज नियमित ब्याज भुगतान के माध्यम से पूर्वानुमान योग्य आय प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए, एक निवेशक जो सरकारी बांड खरीदता है, उसे अर्ध-वार्षिक कूपन भुगतान प्राप्त हो सकता है, जो एक स्थिर आय धारा प्रदान करता है। यह उन्हें रूढ़िवादी निवेशकों या स्थिर कैश फ्लो की तलाश करने वालों के लिए आकर्षक बनाता है, जैसे सेवानिवृत्त लोग।
पूंजी संरक्षण (Capital Preservation): विशेष रूप से सरकारों या उच्च रेटेड कॉर्पोरेशन द्वारा जारी किए गए बांड्स को अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले निवेश के रूप में देखा जाता है। वे निवेशकों को अपनी मूल राशि को संरक्षित करने के साथ-साथ रिटर्न कमाने की अनुमति देते हैं।
विविधीकरण (Diversification): फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज एक निवेश पोर्टफोलियो में विविधीकरण लाभ प्रदान करती हैं। जबकि इक्विटीज वोलेटाइल हो सकती हैं, बांड्स विभिन्न आर्थिक परिस्थितियों में भिन्न तरीके से व्यवहार करते हैं, जो समग्र पोर्टफोलियो रिस्क को कम करने में मदद कर सकता है।
फिक्स्ड इनकम मार्केट विविध है, जिसमें निवेशकों के लिए कई प्रकार के सिक्योरिटीज उपलब्ध हैं। कुछ सबसे सामान्य प्रकार शामिल हैं:
बांड्स (Bonds): बांड्स ऋण सिक्योरिटीज हैं जो एक निश्चित या फ्लोटिंग ब्याज दर का भुगतान करते हैं और परिपक्वता पर मूल राशि लौटाते हैं। बांड्स सरकारों, कॉर्पोरेशन या नगरपालिकाओं द्वारा जारी किए जा सकते हैं। ये विभिन्न रूपों में आते हैं, जिनमें शामिल हैं:
a. सरकारी बांड्स (उदाहरण: भारतीय सरकारी बांड्स, यू.एस. ट्रेजरी)
b. कॉर्पोरेट बांड्स (कंपनियों द्वारा जारी किए गए)
c. म्यूनिसिपल बांड्स (स्थानीय सरकारों द्वारा जारी किए गए)
ट्रेजरी बिल्स (Treasury Bills - T-Bills): अल्पकालिक ऋण उपकरण जो सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं, आमतौर पर एक वर्ष या उससे कम की परिपक्वता के साथ। इन्हें फेस वैल्यू पर डिस्काउंट पर जारी किया जाता है, और निवेशक को परिपक्वता पर फेस वैल्यू का भुगतान किया जाता है।
कमर्शियल पेपर (Commercial Paper - CP): अल्पकालिक असुरक्षित ऋण जो कॉर्पोरेशन द्वारा जारी किया जाता है, आमतौर पर एक वर्ष से कम की परिपक्वता के साथ। इनका उपयोग कंपनियों द्वारा अल्पकालिक परिचालन आवश्यकताओं को वित्तपोषित करने के लिए किया जाता है।
सर्टिफिकेट्स ऑफ डिपॉजिट (Certificates of Deposit - CDs): बैंक द्वारा पेश किए गए समय जमा जो नियमित अंतराल पर ब्याज का भुगतान करते हैं और परिपक्वता पर मूल राशि लौटाते हैं। ये कम जोखिम वाले निवेश होते हैं, क्योंकि इन्हें अक्सर सरकारी एजेंसियों द्वारा बीमाकृत किया जाता है (उदाहरण: अमेरिका में FDIC)।
फिक्स्ड इनकम मार्केट को कई खंडों में बांटा जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
सरकारी बांड मार्केट (Government Bond Market): इसमें राष्ट्रीय सरकारों द्वारा जारी किए गए बांड्स शामिल हैं, जैसे यू.एस. ट्रेजरी या भारतीय सरकारी बांड्स। ये बांड्स सरकारी समर्थन के कारण कम जोखिम वाले माने जाते हैं।
कॉर्पोरेट बांड मार्केट (Corporate Bond Market): कॉर्पोरेट बांड्स कंपनियों द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिए, जैसे विस्तार या ऋण पुनर्वित्तन के लिए फंड जुटाने के लिए जारी किए जाते हैं। इनमें सरकारी बांड्स के मुकाबले अधिक जोखिम होता है लेकिन उच्च रिटर्न देते हैं।
म्यूनिसिपल बांड मार्केट (Municipal Bond Market): म्यूनिसिपल बांड्स स्थानीय सरकारों द्वारा सार्वजनिक परियोजनाओं जैसे स्कूल, सड़कें, और अस्पतालों के वित्तपोषण के लिए जारी किए जाते हैं। इन बांड्स में अक्सर निवेशकों के लिए कर लाभ होते हैं।
इमर्जिंग मार्केट डेट (Emerging Market Debt): विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सरकारों या कॉर्पोरेशन द्वारा जारी किए गए बांड्स। ये बांड्स उच्च जोखिम के होते हैं क्योंकि इमर्जिंग मार्केट्स में अक्सर आर्थिक अस्थिरता होती है, लेकिन ये उच्च रिटर्न भी देते हैं।
फिक्स्ड इनकम मार्केट वैश्विक वित्तीय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सरकारों और कॉर्पोरेशन को आवश्यक पूंजी जुटाने की अनुमति देता है, जबकि निवेशकों को पूर्वानुमान योग्य रिटर्न और अपने पोर्टफोलियो को विविधीकरण का एक तरीका प्रदान करता है। अगले अध्याय में, हम फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज की प्रमुख विशेषताएं (Key Characteristics of Fixed Income Securities) का अन्वेषण करेंगे, उन विशेषताओं में गहराई से जाकर जो उन्हें निवेश रणनीतियों के लिए अद्वितीय और महत्वपूर्ण बनाती हैं।
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Disclaimer: This article is for informational purposes only and does not constitute financial advice. It is not produced by the desk of the Kotak Securities Research Team, nor is it a report published by the Kotak Securities Research Team. The information presented is compiled from several secondary sources available on the internet and may change over time. Investors should conduct their own research and consult with financial professionals before making any investment decisions. Read the full disclaimer here.
Investments in securities market are subject to market risks, read all the related documents carefully before investing. Brokerage will not exceed SEBI prescribed limit. The securities are quoted as an example and not as a recommendation. SEBI Registration No-INZ000200137 Member Id NSE-08081; BSE-673; MSE-1024, MCX-56285, NCDEX-1262.
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