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वैल्यूएशन्स (Valuations): किसी कंपनी की वर्थ (Worth) का माप करना
5 Modules | 20 Chapters
Module 3
महत्वपूर्ण मेट्रिक्स और मल्टीपल्स (Important Metrics and Multiples)
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वैल्यूएशन मल्टीपल्स (valuation multiples) समझाया गया

सोचो कि तुम एक मार्केट में सब्जी खरीदने जाते हो। तुम कोई भी सब्जी नहीं उठाओगे और उम्मीद करोगे कि उसकी कीमत सही हो। इसके बजाय, तुम अलग-अलग दुकानों पर कीमतों की तुलना करोगे, गुणवत्ता, ताजगी और आकार का ध्यान रखते हुए। इसी तरह, कंपनी वैल्यूएशन्स (valuations) की दुनिया में, वैल्यूएशन मल्टीपल्स (valuation multiples) निवेशकों को कंपनियों की तुलना करने और यह तय करने देते हैं कि वे उसी इंडस्ट्री में अन्य कंपनियों के मुकाबले सही मूल्य पर हैं या नहीं।

वैल्यूएशन मल्टीपल्स (valuation multiples) कुछ अनुपात होते हैं जो कंपनी के मूल्य को उसके मुख्य वित्तीय मेट्रिक्स (जैसे अर्निंग्स, रेवेन्यू, या एसेट्स) के मुकाबले तुलना करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये निवेशकों को यह आकलन करने का तरीका देते हैं कि क्या कोई कंपनी अंडरवैल्यूड (undervalued) है या ओवरवैल्यूड (overvalued) है, इसे समान कंपनियों या इंडस्ट्री एवरेजेज के साथ तुलना करके।

उदाहरण के लिए, अगर तुम अपने क्षेत्र में दो ग्रोसरी स्टोर्स की तुलना कर रहे हो, तो तुम देख सकते हो कि दोनों स्टोर्स में एक जैसी गुणवत्ता की सब्जियों को बेचते हुए, एक का मूल्य दूसरे से अधिक है या नहीं। इसी तरह, फाइनेंस में, निवेशक प्राइस-टू-अर्निंग्स (P/E) (Price-to-Earnings) या एंटरप्राइज वैल्यू-टू-ईबीआईटीडीए (EV/EBITDA) (Enterprise Value-to-EBITDA) जैसे मल्टीपल्स का उपयोग करके किसी व्यवसाय के मूल्य का आंकलन करते हैं।

1. प्राइस-टू-अर्निंग्स (P/E) रेशियो (Price-to-Earnings Ratio)

P/E रेशियो कंपनी के शेयर मूल्य की तुलना उसके अर्निंग्स पर शेयर (EPS) से करता है। यह बताता है कि निवेशक कंपनी की अर्निंग्स के प्रत्येक ₹1 के लिए कितनी कीमत देने को तैयार हैं।

फॉर्मूला: P/E = मार्केट प्राइस पर शेयर / अर्निंग्स पर शेयर (EPS)

उदाहरण: यदि किसी कंपनी का शेयर मूल्य ₹100 है और उसकी अर्निंग्स पर शेयर ₹5 है, तो P/E रेशियो होगा:

P/E रेशियो = ₹100 / ₹5
P/E रेशियो = 20

इसका मतलब है कि निवेशक प्रत्येक शेयर के लिए कंपनी की अर्निंग्स का 20 गुना देने को तैयार हैं।

2. एंटरप्राइज वैल्यू-टू-ईबीआईटीडीए (EV/EBITDA)

EV/EBITDA रेशियो कंपनी के एंटरप्राइज वैल्यू (EV) की तुलना उसकी ईबीआईटीडीए (EBITDA) से करता है। यह आकलन करता है कि निवेशक कंपनी की अर्निंग्स पावर के लिए कितना भुगतान कर रहे हैं, कैपिटल स्ट्रक्चर को छोड़कर।

फॉर्मूला: EV/EBITDA = एंटरप्राइज वैल्यू (EV) / ईबीआईटीडीए (EBITDA)

उदाहरण: यदि किसी कंपनी का एंटरप्राइज वैल्यू ₹1,00,000 करोड़ है और उसकी ईबीआईटीडीए ₹10,000 करोड़ है, तो EV/EBITDA रेशियो होगा:

EV/EBITDA रेशियो = ₹1,00,000 करोड़ / ₹10,000 करोड़
EV/EBITDA रेशियो = 10

इसका मतलब है कि निवेशक प्रत्येक ₹1 की अर्निंग्स से पहले ब्याज, टैक्स, डेप्रिसिएशन, और अमोर्टाइजेशन के लिए ₹10 का भुगतान कर रहे हैं।

3. प्राइस-टू-बुक (P/B) रेशियो (Price-to-Book Ratio)

P/B रेशियो कंपनी के स्टॉक के मार्केट मूल्य की तुलना उसके बुक वैल्यू (नेट एसेट वैल्यू) से करता है। यह निवेशकों को आकलन करने में मदद करता है कि कंपनी का स्टॉक उसके बुक वैल्यू के मुकाबले प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है या डिस्काउंट पर।

फॉर्मूला: P/B रेशियो = मार्केट प्राइस पर शेयर / बुक वैल्यू पर शेयर

उदाहरण: यदि किसी कंपनी का शेयर मूल्य ₹50 है और उसका बुक वैल्यू पर शेयर ₹25 है, तो P/B रेशियो होगा:

P/B रेशियो = ₹50 / ₹25
P/B रेशियो = 2

इसका मतलब है कि कंपनी अपने बुक वैल्यू के दोगुने पर ट्रेड कर रही है।

4. प्राइस-टू-सेल्स (P/S) रेशियो (Price-to-Sales Ratio)

P/S रेशियो कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन की तुलना उसके रेवेन्यू से करता है। यह कम या नकारात्मक अर्निंग्स वाली कंपनियों के लिए उपयोगी मेट्रिक है, क्योंकि यह दिखाता है कि निवेशक प्रत्येक रेवेन्यू के यूनिट के लिए कितना भुगतान करने को तैयार हैं।

फॉर्मूला: P/S रेशियो = मार्केट कैपिटलाइजेशन / रेवेन्यू

उदाहरण: यदि किसी कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹10,000 करोड़ है और उसका रेवेन्यू ₹2,000 करोड़ है, तो P/S रेशियो होगा:

P/S रेशियो = ₹10,000 करोड़ / ₹2,000 करोड़
P/S रेशियो = 5

इसका मतलब है कि कंपनी का मूल्यांकन उसकी वार्षिक रेवेन्यू के 5 गुना पर है।

वैल्यूएशन मल्टीपल्स (Valuation Multiples) क्यों महत्वपूर्ण हैं?

  1. त्वरित तुलना: मल्टीपल्स निवेशकों को कंपनी के मूल्य की उसके साथियों से त्वरित तुलना करने की अनुमति देते हैं, बिना डीसीएफ जैसे जटिल वैल्यूएशन मॉडल्स में गहराई तक जाने के।

  2. इंडस्ट्री बेंचमार्क्स: वे निवेशकों को यह मापने में मदद करते हैं कि कोई स्टॉक अन्य इंडस्ट्री में ओवरवैल्यूड (overvalued) है या अंडरवैल्यूड (undervalued) है।

  3. एम एंड ए और आईपीओ में उपयोग: मल्टीपल्स का अक्सर मर्जर्स और एक्विजिशंस में उपयोग किया जाता है ताकि किसी सेक्टर में कंपनियों के रिलेटिव वैल्यू का मूल्यांकन किया जा सके। वे प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPOs) के दौरान भी एक उचित शेयर मूल्य सेट करने में सहायक होते हैं।

  • इंडस्ट्री यूनिवर्सैलिटी का अभाव: विभिन्न इंडस्ट्रीज़ के लिए मल्टीपल्स के अलग-अलग बेंचमार्क हो सकते हैं। एक इंडस्ट्री में उच्च P/E को सामान्य माना जा सकता है, जबकि दूसरी इंडस्ट्री में वही संख्या ओवरवैल्यूएशन का संकेत हो सकता है।

  • ओवर-सिम्पलीफिकेशन: केवल मल्टीपल्स पर निर्भरता महत्वपूर्ण कंपनी-विशिष्ट कारकों को नजरअंदाज कर सकती है, जैसे प्रबंधन की गुणवत्ता या भविष्य की ग्रोथ पोटेंशियल।

  • मार्केट कंडीशंस: मल्टीपल्स मार्केट सेंटिमेंट से प्रभावित होते हैं, इसलिए मार्केट एक्सट्रीम्स के दौरान, वे कंपनी के इन्ट्रिंसिक वैल्यू को सही ढंग से प्रतिबिंबित नहीं कर सकते।

वैल्यूएशन मल्टीपल्स का व्यापक रूप से आईटी (जैसे, इंफोसिस, टीसीएस), कंज्यूमर गुड्स (जैसे, एचयूएल, मारुति सुजुकी), और बैंकिंग (जैसे, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक) जैसे सेक्टर्स में कंपनियों का आकलन करने के लिए उपयोग किया जाता है। निवेशक अक्सर इन मल्टीपल्स की तुलना इंडस्ट्री एवरेजेस से करते हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि स्टॉक सही मूल्य पर है या नहीं।

वैल्यूएशन मल्टीपल्स निवेशकों के लिए आवश्यक उपकरण हैं, जो यह दिखाते हैं कि किसी कंपनी की तुलना उसके साथियों से कैसे होती है। वे यह आकलन करने में मदद करते हैं कि कोई कंपनी अंडरवैल्यूड (undervalued) है या ओवरवैल्यूड (overvalued) है और विशेष रूप से एम एंड ए, आईपीओ, या समान कंपनियों की तुलना में उपयोगी हैं। अगले अध्याय में, हम डिविडेंड डिस्काउंट मॉडल (DDM) (Dividend Discount Model) को अधिक विस्तार से देखेंगे और डिविडेंड-पेइंग कंपनियों के वैल्यूएशन में इसकी भूमिका की पड़ताल करेंगे।

This content has been translated using a translation tool. We strive for accuracy; however, the translation may not fully capture the nuances or context of the original text. If there are discrepancies or errors, they are unintended, and we recommend original language content for accuracy.

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Disclaimer: This article is for informational purposes only and does not constitute financial advice. It is not produced by the desk of the Kotak Securities Research Team, nor is it a report published by the Kotak Securities Research Team. The information presented is compiled from several secondary sources available on the internet and may change over time. Investors should conduct their own research and consult with financial professionals before making any investment decisions. Read the full disclaimer here.

Investments in securities market are subject to market risks, read all the related documents carefully before investing. Brokerage will not exceed SEBI prescribed limit. The securities are quoted as an example and not as a recommendation. SEBI Registration No-INZ000200137 Member Id NSE-08081; BSE-673; MSE-1024, MCX-56285, NCDEX-1262.

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