मान लो, आप मुंबई में एक बड़ा कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट प्लान कर रहे हो, और आप उम्मीद कर रहे हो कि ग्लोबल सप्लाई चेन इश्यूज के कारण स्टील की कीमत बढ़ेगी।
आप अपने बिज़नेस को इस प्राइस इन्क्रीज़ से बचा सकते हो पुट ऑप्शन (put option) खरीदकर स्टील फ्यूचर्स पर, जिससे आप एक प्री-डिटरमाइंड प्राइस पर बेच सकते हो।
वैकल्पिक रूप से, अगर आपको लगता है कि कीमत गिर सकती है, तो आप कॉल ऑप्शन (call option) खरीद सकते हैं ताकि गिरावट से लाभ उठा सकें। प्राइस मूवमेंट्स पर हेज या स्पेक्यूलेट करने की यह फ्लेक्सिबिलिटी ही कमोडिटी ऑप्शंस (commodity options) का सार है।
कमोडिटी ऑप्शंस वो फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स हैं जो इनवेस्टर्स को एक स्पेसिफिक कमोडिटी को एक प्री-डिटरमाइंड प्राइस पर एक निश्चित टाइम फ्रेम में खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं, लेकिन ये बाध्यता नहीं होती। फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के विपरीत, जहाँ दोनों पार्टियों को लेन-देन करना पड़ता है, ऑप्शंस ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करते हैं, जिससे ये हेजर्स और स्पेकुलेटर्स दोनों के लिए आकर्षक होते हैं।
कॉल ऑप्शन (Call Option):
कॉल ऑप्शन होल्डर को ये अधिकार देता है कि वो अंडरलाइनिंग कमोडिटी को एक स्पेसिफाइड प्राइस (स्ट्राइक प्राइस) पर ऑप्शन एक्सपायर होने से पहले खरीद सके।
पुट ऑप्शन (Put Option):
पुट ऑप्शन होल्डर को ये अधिकार देता है कि वो अंडरलाइनिंग कमोडिटी को एक स्पेसिफाइड प्राइस पर, ऑप्शन एक्सपायर होने से पहले बेच सके।
1. स्ट्राइक प्राइस (Strike Price):
वो प्राइस जिस पर कमोडिटी को खरीदा या बेचा जा सकता है अगर ऑप्शन का उपयोग किया जाता है। इसे ऑप्शन खरीदते समय सेट किया जाता है।
2. प्रीमियम (Premium):
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के लिए दी गई कीमत। यह बायर के लिए नॉन-रिफंडेबल कॉस्ट होती है और सेलर (जिसे ऑप्शन का राइटर भी कहते हैं) को दी जाती है।
3. एक्सपायरी डेट (Expiration Date):
वो डेट जिसके द्वारा ऑप्शन का उपयोग करना होता है। इस डेट के बाद, अगर उपयोग नहीं किया गया तो ऑप्शन बेकार हो जाता है।
4. अमेरिकन बनाम यूरोपियन ऑप्शंस (American vs. European Options):
1. हेजिंग (Hedging):
कमोडिटी ऑप्शंस बिज़नेसेस को कमोडिटी मार्केट्स में एडवर्स प्राइस मूवमेंट्स के खिलाफ हेज करने का तरीका देते हैं। उदाहरण के लिए, एक भारतीय चाय एक्सपोर्टर चाय फ्यूचर्स पर कॉल ऑप्शन खरीद सकता है ताकि प्राइस इन्क्रीज़ के खिलाफ प्रोटेक्ट कर सके, जिससे वे लोअर कॉस्ट्स लॉक इन कर सकें।
2. स्पेकुलेशन (Speculation):
ट्रेडर्स कमोडिटी के प्राइस मूवमेंट्स पर स्पेक्यूलेट करने के लिए ऑप्शंस खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए, गोल्ड पर एक कॉल ऑप्शन इनवेस्टर्स को राइजिंग प्राइसेज़ से प्रॉफिट करने की अनुमति देता है बिना फिजिकल मेटल खरीदने की पूरी कॉस्ट कमिट किए।
3. फ्लेक्सिबिलिटी और लिमिटेड रिस्क (Flexibility and Limited Risk):
ऑप्शंस का मुख्य लाभ यह है कि वे ऑप्शन के लिए दिए गए प्रीमियम तक डाउनसाइड रिस्क को लिमिट करते हैं। फ्यूचर्स के विपरीत, जहाँ दोनों पार्टियों को कॉन्ट्रैक्ट एक्सेक्यूट करना होता है, ऑप्शंस बायर को ऑप्शन एक्सरसाइज करने का चुनाव करने की अनुमति देते हैं।
1. वनीला ऑप्शंस (Vanilla Options):
ये ऑप्शंस का सबसे सीधा प्रकार हैं, या तो कमोडिटी पर कॉल या पुट ऑप्शंस होते हैं, जो खरीदने या बेचने के सरल अधिकार प्रदान करते हैं।
2. नॉक-इन और नॉक-आउट ऑप्शंस (Knock-In and Knock-Out Options):
ये अधिक जटिल ऑप्शंस हैं जहाँ ऑप्शन केवल तभी एक्टिव होता है जब अंडरलाइनिंग कमोडिटी एक निश्चित प्राइस लेवल तक पहुँचती है (नॉक-इन) या प्राइस विपरीत दिशा में जाने पर वॉयड हो जाती है (नॉक-आउट)।
3. कवरड ऑप्शंस (Covered Options):
कवरड कॉल में, एक इनवेस्टर अंडरलाइनिंग कमोडिटी (या एक संबंधित फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट) होल्ड करता है और ऑप्शन को प्रीमियम से इनकम उत्पन्न करने के लिए बेचता है।
4. स्ट्रैडल और स्ट्रैंगल (Straddle and Strangle):
इन स्ट्रेटेजीज में एक ही कमोडिटी पर अलग-अलग स्ट्राइक प्राइसेज़ के साथ एक कॉल और एक पुट ऑप्शन खरीदना शामिल होता है। ये मार्केट में वोलेटिलिटी पर स्पेकुलेट करने के लिए उपयोगी होते हैं।
1. प्राइस रिस्क मैनेज करना (Manage Price Risk):
प्रोड्यूसर्स और कंज्यूमर्स कमोडिटी ऑप्शंस का उपयोग प्राइस रिस्क्स के खिलाफ हेज करने के लिए कर सकते हैं बिना फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स की कमिटमेंट के। उदाहरण के लिए, एक कॉफी एक्सपोर्टर कॉफी फ्यूचर्स पर पुट ऑप्शन खरीद सकता है प्राइस ड्रॉप्स से प्रोटेक्ट करने के लिए।
2. वोलेटिलिटी से प्रॉफिट करना (Profiting from Volatility):
अगर एक इन्वेस्टर को कमोडिटी में बड़े प्राइस मूवमेंट की उम्मीद है लेकिन दिशा के बारे में अनिश्चित है, वे स्ट्रैडल का उपयोग कर सकते हैं (एक कॉल और एक पुट ऑप्शन दोनों खरीदकर) वोलेटिलिटी से प्रॉफिट करने के लिए।
3. इनकम जनरेशन (Income Generation):
इन्वेस्टर ऑप्शंस बेचकर भी इनकम जनरेट कर सकते हैं। एक कवरड कॉल स्ट्रेटेजी में, एक इन्वेस्टर अंडरलाइनिंग कमोडिटी होल्ड करते हुए एक कॉल ऑप्शन बेच सकता है, प्रीमियम कमाते हुए प्राइस मूवमेंट्स के एक्सपोजर के साथ।
भारत ग्लोबल कमोडिटी मार्केट्स में, विशेष रूप से एग्रीकल्चर (agriculture) और मेटल्स (metals) में एक प्रमुख खिलाड़ी है। एनसीडीईएक्स (NCDEX - National Commodity and Derivatives Exchange) और एमसीएक्स (MCX) कमोडिटी फ्यूचर्स और ऑप्शंस के ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म्स प्रदान करते हैं, जिससे भारतीय ट्रेडर्स और बिज़नेसेस को प्राइस फ्लक्चुएशन्स के खिलाफ हेज करने के टूल्स मिलते हैं। कमोडिटी ऑप्शंस भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि बिज़नेसेस, जैसे एडिबल ऑइल मैन्युफैक्चरर्स (edible oil manufacturers) या एग्रीकल्चरल एक्सपोर्टर्स (agricultural exporters), उन्हें बढ़ती या घटती कीमतों से जुड़े रिस्क्स को मैनेज करने के लिए उपयोग कर रहे हैं।
उदाहरण:
एक भारतीय ऑइल रिफाइनरी (oil refinery) खुद को प्राइस ड्रॉप्स से प्रोटेक्ट करने के लिए क्रूड ऑइल फ्यूचर्स पर पुट ऑप्शन (put option on crude oil futures) का उपयोग कर सकती है, यह सुनिश्चित करते हुए कि ऑइल प्राइसेज़ ड्रॉप होने पर भी स्थिर प्रॉफिट मार्जिन्स रहें।
कमोडिटी ऑप्शंस प्राइस रिस्क हेज करने, मार्केट मूवमेंट्स पर स्पेकुलेट करने और पोर्टफोलियो फ्लेक्सिबिलिटी को एन्हांस करने के लिए एक आवश्यक टूल प्रदान करते हैं। चाहे आप एक प्रोड्यूसर हों जो प्राइसेज़ लॉक इन करना चाहता हो या एक इन्वेस्टर जो वोलेटिलिटी से प्रॉफिट करना चाहता हो, कमोडिटी ऑप्शंस स्ट्रेटेजिक ऑपर्च्यूनिटीज की एक रेंज प्रदान करते हैं। अगले चैप्टर में, हम कमोडिटीज डेरिवेटिव्स के लिए प्राइसिंग मॉडल्स की खोज करेंगे, उन फैक्टर्स पर ध्यान केंद्रित करते हुए जो कमोडिटीज और उनके डेरिवेटिव्स की प्राइसिंग (pricing of commodities and their derivatives) को प्रभावित करते हैं।
This content has been translated using a translation tool. We strive for accuracy; however, the translation may not fully capture the nuances or context of the original text. If there are discrepancies or errors, they are unintended, and we recommend original language content for accuracy.
Disclaimer: This article is for informational purposes only and does not constitute financial advice. It is not produced by the desk of the Kotak Securities Research Team, nor is it a report published by the Kotak Securities Research Team. The information presented is compiled from several secondary sources available on the internet and may change over time. Investors should conduct their own research and consult with financial professionals before making any investment decisions. Read the full disclaimer here.
Investments in securities market are subject to market risks, read all the related documents carefully before investing. Brokerage will not exceed SEBI prescribed limit. The securities are quoted as an example and not as a recommendation. SEBI Registration No-INZ000200137 Member Id NSE-08081; BSE-673; MSE-1024, MCX-56285, NCDEX-1262.
Disclaimer: This article is for informational purposes only and does not constitute financial advice. It is not produced by the desk of the Kotak Securities Research Team, nor is it a report published by the Kotak Securities Research Team. The information presented is compiled from several secondary sources available on the internet and may change over time. Investors should conduct their own research and consult with financial professionals before making any investment decisions. Read the full disclaimer here.
Investments in securities market are subject to market risks, read all the related documents carefully before investing. Brokerage will not exceed SEBI prescribed limit. The securities are quoted as an example and not as a recommendation. SEBI Registration No-INZ000200137 Member Id NSE-08081; BSE-673; MSE-1024, MCX-56285, NCDEX-1262.
Explore our comprehensive video library that blends expert market insights with Kotak's innovative financial solutions to support your goals.